दरअसल, रीट भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर याचिकाकर्ता भागचंद शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। जस्टिस महेंद्र गोयल की खंडपीठ अब 8 फरवरी को इस याचिका की सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता भागचंद ने कहा कि जब एसओजी ने रीट पेपर लीक माना है। इसके बाद सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली समेत आला अधिकारियों को बर्खास्त किया गया है। तो भर्ती परीक्षा भी रद्द की जानी चाहिए। साथ ही इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए। तभी प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को न्याय मिल सकेगा।
भर्ती प्रक्रिया पर लगे रोक
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि राज्य सरकार की जांच एजेंसी SOG खुद मान चुकी है कि पेपर शिक्षा संकुल से चोरी हुआ था। पेपर करोड़ों रुपये में बेचा गया था। ऐसे में भर्ती परीक्षा को रद्द करना चाहिए। वहीं जांच पूरी होने तक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगानी चाहिए। क्योंकि अगर नियुक्ति प्रक्रिया को नहीं रोका गया तो परीक्षा में अपात्रों को नियुक्ति मिल जाएगी। और योग्य अभ्यर्थी बाहर हो जाएंगे।
लेवल-1 का पेपर आउट नहीं हुआ
वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट में अमरचंद मीणा और अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कोर्ट पूरी भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हंसराज निम्बड़ ने बताया कि लेवल फर्स्ट का पेपर लीक नहीं हुआ था। एसओजी ने भी यह माना है कि पेपर लेवल-2 का ही लीक हुआ है। ऐसे में पूरी भर्ती को रद्द नहीं करने के साथ-साथ लेवल 1 की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जाए।
राज्य सरकार ने नहीं माना लीक
पेपर लीक प्रकरण पर होने वाली सुनवाई से पहले हाइकोर्ट की ओर से राज्य सरकार को नोटिस जारी होने के बाद सरकार ने अदालत में जवाब पेश किया है। जिसमें राज्य सरकार ने माना की परीक्षा का पेपर भले ही परीक्षा से पहले बाहर आ गया था। लेकिन इसे लीक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। वहीं दूसरी ओर SOG ने अपनी जांच में पेपर को लीक मान रही है। ऐसे में अब इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश के 16 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को 8 फरवरी का इंतजार है।
बता दें कि रीट का रिजल्ट सिर्फ 36 दिन के अंदर जारी कर दिया गया था। परीक्षा के लिए इस बार 25 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें बोर्ड ने 11 लाख चार हजार 216 को पात्र घोषित किया है। लेवल-1 के लिए 3 लाख तीन हजार 604 और लेवल-2 के लिए 7 लाख 73 हजार 612 को पात्र घोषित हैं। इनमें से मेरिट के आधार पर 32 हजार शिक्षकों को नियुक्ति दी जाएगी। लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही प्रदेशभर में विरोध शुरू हो गया है।