बजट सत्र से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। वित्त मंत्रालय ने तैयार किया यह सर्वे कहता है कि 2024 में भारत की जीडीपी 6% से 6.8% के दायरे में रहेगी। सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने 2022 में आर्थिक विकास को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई। अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय रुपये का प्रदर्शन बेहतर रहा।
मुख्य बिंदु
- नवंबर 2022 में, खुदरा मुद्रास्फीति RBI द्वारा निर्धारित लक्ष्य पर लौट आई।
- भारत सरकार रिकवरी पर ध्यान केंद्रित कर रही है और अर्थव्यवस्था को पूर्व-महामारी के रास्ते पर वापस ला रही है।
- अप्रैल 2022 और नवंबर 2022 के बीच प्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल आया।
- शहरी बेरोजगारी दर घट रही है।
- अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल गैर-निष्पादित संपत्ति अनुपात घटकर 5 हो गया है। यह पिछले सात वर्षों में सबसे कम है।
- वित्तीय वर्ष 2023 में केंद्र और राज्य सरकार का स्वास्थ्य व्यय: सकल घरेलू उत्पाद का 2.1%। यह 2022 में 2.2% और 2021 में 1.6% था।
- FY23 में 220 करोड़ COVID टीके लगाए गए।
- UNDP के बहु-आयामी गरीबी सूचकांक से: 2005 और 2019 के बीच 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये।
- 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल किया जाएगा।
- राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: 2047 तक भारत को ऊर्जा स्वतंत्र बनाने के लिए प्रयास करेगा।
- निजी क्षेत्र से कृषि निवेश: 2020-21 में 9.3% की वृद्धि।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम: 81.4 करोड़ लाभान्वित हुए।
- PM KISAN: 2022-23 में अप्रैल से जुलाई के बीच 11.3 करोड़ किसान लाभान्वित हुए।
- मर्चेनडाईज़ निर्यात: अप्रैल और दिसंबर 2022 के बीच 332.8 बिलियन अमरीकी डालर रहा।
- 2022 में प्रेषण: 100 बिलियन अमरीकी डालर; दुनिया में सबसे अधिक।
- UPI-आधारित लेनदेन: 2019 और 2022 के बीच 121% की वृद्धि दर्ज की गई।
सरकारी सुधारों का फोकस
2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत सरकार निम्नलिखित सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेगी:
- जनता के लिए जीना आसान।
- शासन को कुशलता से वितरित करना और नागरिकों का विश्वास हासिल करना।
- अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी विकसित की जानी चाहिए।
- कृषि क्षेत्र से उत्पादन बढ़ावा देना।
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