● भारतीय तटरक्षक बल (ICG) 01 फरवरी, 2023 को अपना 47वाँ स्थापना दिवस मना रहा है।
● ICG की स्थापना अगस्त, 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी।
● विश्व में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट की सुरक्षा और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
● यह रक्षा मंत्रालय के तहत कार्यरत एक सशस्त्र बल, खोज और बचाव एवं समुद्री कानून प्रवर्तन एजेंसी है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
● ICG के गठन की अवधारणा वर्ष 1971 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई।
● रुस्तमजी समिति द्वारा एक बहु-आयामी तटरक्षक के लिये दूरदर्शी खाका तैयार किया गया था।
● प्रभावी कमान एवं नियंत्रण हेतु भारत के समुद्री क्षेत्रों को पाँच तटरक्षक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिसमें उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, पूर्व, उत्तर-पूर्व और अंडमान एवं निकोबार शामिल हैं, इनके मुख्यालय क्रमशः गाँधीनगर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं।
● भारतीय नौसेना,1960 से ही भारतीय जलीय क्षेत्र में समुद्री कानून को लागू करने तथा उपक्रमों की सुरक्षा एवं संरक्षा का दायित्व निर्वहन करने हेतु एक सहायक संगठन की स्थापना का अनुरोध करती आ रही थी।
● इन कामों के लिए आधुनिक एवं उच्च क्षमता वाले नौसेना के यु्द्धपोतों एवं उपक्रमों की तैनाती स्पष्ट रूप से किफ़ायती विकल्प नहीं था। भारत सरकार ने यथासमय नौसेना के इस तर्क को स्वीकार कर लिया।
● 1970 के प्रारंभ में तटरक्षक संगठन की शीघ्र स्थापना में अपना योगदान देने वाले तीन और कारक थे।
● राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को क्षति पहुँचाने वाली समुद्री तस्करी अपने चरम पर थी। तत्समय सीमा शुल्क एवं मात्स्यिकी विभाग जैसी एजेंसियों के पास इतनी सामर्थ्य नहीं थी कि वह वृहद् रूप से फैली तस्करी तथा भारतीय जल में अवैध रूप से प्रवेश करने वाली नौकाओं की गतिविधियों को रोक सके।
● इस पृष्ठभूमि में तस्करी की बढ़ती हुई इस समस्या से निपटने के लिए सन् 1970 में नाग कमेटी की स्थापना की गई । समिति ने अपनी सिफारिश में तस्करी की गतिविधियों से निजात पाने के लिए अलग से एक समुद्री बल की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
● भारतीय तटरक्षक की अंतरिम स्थापना 1 फरवरी, 1977 को हुई।
● वर्ष 1972 में समुद्री कानून पर अंतर्राष्ट्रीय समझौते के अनुसार सभी तटीय देशों को अनन्य आर्थिक क्षेत्र प्रदान किया गया।
● तत्पश्चात् विस्तृत रूप से फैले हुए अनन्य आर्थिक क्षेत्र पर अपना सार्वभौमिक अधिकार का दावा करते हुए भारत की संघीय सरकार ने भारतीय समुद्री क्षेत्र अधिनियम, 1976 पारित किया।
● भारत ने एक बार में 2.01 मिलियन वर्ग किमी समुद्री क्षेत्र पर सभी जैविक व गैर-जैविक संसाधनों का व्यापक संदोहन करने के लिए अधिकार ग्रहण किया। इस विस्तृत क्षेत्र की सुरक्षा की आवश्यकता महसूस की गई।
● भारतीय तटरक्षक का प्रतीक एक राज्य चिह्न है, जो सम्राट अशोक (273-232 ई.पू.) द्वारा स्थापित सारनाथ स्तंभ का रूपांतरण है।
● सूर्य का प्रतीक एवं समय का द्योतक चक्र, के अंदर सिंह शीर्ष स्थित है । सफेद, तरणक्षम जीवन रक्षा उपकरण के साथ अशोक शीर्ष है जिसकी परिधि में देवनागरी लिपि में "भारतीय तटरक्षक" अंकित है ।
● दो लंगर, समुद्री क्षेत्र में राष्ट्र-हित के रक्षा का दृढ़ संकल्प प्रदर्शित करते हैं। तरणक्षम जीवन रक्षा उपकरण एवं शीर्ष पर हेलीकॉप्टर का रोटर वायुशक्ति के साथ समुद्री सेवा को प्रदर्शित करता है, नीचे नक्काशी में संस्कृत में ‘वयम् रक्षामः’ जिसका अभिप्राय ‘हम रक्षा करते हैं’, अंकित है।