सहायक अध्यापक भर्ती में तकरीबन पांच साल से चले आ रहे शून्य जनपद के विवाद का निपटारा 13 फरवरी को होने की उम्मीद है।
इस भर्ती में प्रदेश के 75 में से 24 जिलों में एक भी पद रिक्त नहीं था। इन 24 जिलों के अभ्यर्थियों को किसी भी एक अन्य जनपद में आवेदन करने की छूट थी, हालांकि जिन 51 जिलों में रिक्त पद थे वहां से बीटीसी करने वाले अभ्यर्थियों ने यह कहते हुए कोर्ट में याचिका कर दी कि भर्ती में उनको प्राथमिकता मिलनी चाहिए भले ही शून्य 24 जनपद के अभ्यर्थियों की मेरिट अधिक क्यों न हो। हाईकोर्ट ने 18 अप्रैल 2018 को शून्य जनपद के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी थी। एक मई 2018 को मुख्यमंत्री ने 51 जिले के लगभग 6512 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया लेकिन बचे हुए 5948 पद अब तक नहीं भरे जा सके हैं।
जूनियर हाईस्कूलों में भर्ती की खुलेगी राहप्रदेश के 3049 एडेड जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापकों के 390 और सहायक अध्यापकों के 1504 पदों पर भर्ती की राह खुलेगी। भर्ती के परिणाम को लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं की थीं। इस मामले की अंतिम सुनवाई गुरुवार को होनी है। यदि कोर्ट से हरी झंडी मिल जाती है तो रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शुरू कर दी जाएगी। 17 अक्तूबर 2021 को आयोजित परीक्षा का परिणाम पहले 15 नवंबर 2021 को घोषित हुआ था। हाईकोर्ट के आदेश पर छह सितंबर 2022 को संशोधित परिणाम जारी किया गया था।