- सरकार ने पीएम-कुसुम योजना को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है क्योंकि इसके कार्यान्वयन की गति महामारी से बाधित हुई है।
- प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना 2019 में शुरू की गई थी।
- इसका मुख्य उद्देश्य भारत में किसानों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और 2030 तक गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से बिजली की स्थापित क्षमता का हिस्सा 40% तक बढ़ाना है।
- यह 35 लाख से अधिक किसानों को उनके कृषि पंपों को सोलराइज करके स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने की दुनिया की सबसे बड़ी पहल है।
- इस योजना का लक्ष्य कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए 7.55 लाख नौकरी प्रति वर्ष उत्पन्न करना है।
- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने योजना का एक तृतीय पक्ष मूल्यांकन भी किया है और सिफारिशों के आधार पर योजना को 2026 तक बढ़ा दिया गया है।
- घटक-A: 2 मेगावाट तक की क्षमता के छोटे सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के माध्यम से 10,000 मेगावाट सौर क्षमता में वृद्धि।
- घटक-B: 20 लाख स्टैंडअलोन सौर ऊर्जा चालित कृषि पंपों की स्थापना।
- घटक-C: 15 लाख मौजूदा ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सोलराइजेशन।