विश्व आर्द्रभूमि दिवस क्या है कब मनाया जाता है जाने

Prem Chand bhati
विश्व आर्द्रभूमि दिवस
⬧विश्व आर्द्रभूमि दिवस प्रतिवर्ष 2 फरवरी को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। 
⬧ यह दिन ईरान के रामसर शहर में 2 फरवरी, 1971 को आर्द्रभूमि पर संधि को लागू करने की तिथि का भी प्रतीक है। जिसका उद्देश्य लोगों और ग्रह के लिए आर्द्रभूमि की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है। 
⬧ रामसर कन्वेंशन एक अंतर-सरकारी संधि है, जो आर्द्रभूमि एवं उनके संसाधनों के संरक्षण तथा उचित उपयोग हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए रूपरेखा प्रदान करती है।
⬧ इस वर्ष की थीम है ‘वेटलैंड्स रिस्टोरेशन का समय’ (It’s Time for Wetlands Restoration), जो वेटलैंड बहाली को प्राथमिकता देने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
⬧ भारत में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में 13,26,677 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए कुल 75 रामसर स्थलों को बनाने के लिए रामसर स्‍थलों की सूची में 11 और आर्द्रभूमियाँ शामिल हो गई हैं।
⬧ 11 नए स्‍थलों में तमिलनाडु में चार, ओडिशा में तीन, जम्मू और कश्मीर में दो तथा मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र प्रत्‍येक में एक-एक शामिल हैं। इन स्थलों को नामित करने से इन आर्द्रभूमियों के संरक्षण और प्रबंधन तथा इनके संसाधनों के कौशलपूर्ण रूप से उपयोग करने में सहायता मिलेगी।
⬧ वर्ष 1971 में ईरान के रामसर में रामसर संधि पत्र पर हस्ताक्षर के अनुबंध करने वाले पक्षों में से भारत एक है। भारत ने 1 फरवरी, 1982 को इस पर हस्ताक्षर किए। वर्ष 1982 से 2013 के दौरान, रामसर स्‍थलों की सूची में कुल 26 स्‍थलों को जोड़ा गया; हालांकि, इस दौरान 2014 से 2022 तक, देश ने रामसर स्थलों की सूची में 49 नई आर्द्रभूमि स्थल जोड़े गए हैं। 
⬧ वर्ष 2022 के दौरान ही कुल 28 स्थलों को रामसर स्थल घोषित किया गया है। रामसर प्रमाण-पत्र में अंकित स्‍थल की तिथि के आधार पर वर्ष 2022 के लिए 19 स्‍थल और वर्ष 2021 के लिए 14 स्‍थल हैं।
⬧ रामसर स्थलों की संख्या तमिलनाडु में अधिकतम (14) हैं, इसके पश्‍चात् उत्तर प्रदेश में 10 रामसर स्थल हैं।

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