तीसरी बार एक भारतीय को मिला ग्रैमी पुरस्कार

Prem Chand bhati

 म्यूजिक इंडस्ट्री के सबसे बड़े ग्रैमी अवॉर्ड्स के 65वें संस्करण की घोषणा कर दी गई है। संगीत की दुनिया का ऑस्कर कहा जाने वाला ग्रेमी अवार्ड इस बार फिर भारत की हिस्से में खुशियां लेकर आया है। इस बारे ये अवॉर्ड भारत के लिए खास रहा है, क्यूंकि तीसरी बार म्यूजिक कंपोजर रिकी केज ने ग्रैमी अवार्ड जीत कर भारत को गौरवान्वित किया है। रिकी को मिले ग्रैमी अवॉर्ड् के बाद प्रधानमंत्री ने उन्हें बधाई दी है और पूरा देश इस समय उनपर गर्व महसूस कर रहा है।


  1. ग्रैमी अवॉर्ड संगीत की दुनिया में अच्छा काम करने वालों को वार्षिक तौर पर दिया जाता है। ये अमेरिकी संस्था रिकॉर्डिंग अकादमी या नेशनल अकादमी रिकॉर्डिंग्स की ओर से दिया जाता है। इस अवार्ड की एक शर्त ये भी होती है किसी को ग्रैमी अवॉर्ड अवार्ड तभी दिया जाएगा जब उसने अपनी संगीत या रिकॉर्डिंग अमेरिका में रिलीज की हुई हो। ग्रैमी अवॉर्ड एक गोल्ड प्लेटेड ग्रामोफोन के रूप में होती है और पहला अवार्ड 1959 में अमेरिका के लॉस एंजेलिस में आयोजित हुआ था। इस अवार्ड को कई कैटेगरी में दिया जाता है। रिकी केज के एल्बम “डिवाइन टाइड्स” (Divine Tides) को सर्वश्रेष्ठ इमर्सिव ऑडियो एल्बम कैटगरी में यह पुरस्कार दिया गया है। रिकी ने इस पुरस्कार को मशहूर ब्रिटिश रॉक बैंड ‘द पुलिस’ के ड्रमर स्टीवर्ट कोपलैंड के साथ शेयर किया है।
  2. रिकी केज का जन्म 1981 में अमेरिका में हुआ था। पंजाबी और मारवाड़ी परिवार से रिलेटेड केज आठ साल की उम्र में ही बैंगलोर चले गए और वंही के बिशप कॉटन बॉयज़ स्कूल में स्कूली शिक्षा पूरी की। केज ने ऑक्सफोर्ड डेंटल कॉलेज से मेडिकल भी किया है। उनके दादा जानकी दास एक अभिनेता थे, जिसके चलते कला उन्हें विरासत में मिली थी। बचपन से ही संगीत में रुचि होने के चलते रिकी ने रॉक बैंड ज्वाइन किया था। इसके बाद 2000 के दशक में, इन्होने संगीत को अपना करियर चुना और अकेले अपने कॅरियर की राह में चल पड़े। 20 साल के करियर में इन्होने 17 स्टूडियो एल्बम जारी करने के अलावा, 3500 से अधिक विज्ञापनों और कन्नड़ फिल्मों के लिए संगीत भी तैयार किया।
  3. रिकी केज को पर्यावरण संरक्षक के तौर पर भी जाना जाता है। इन्हें COP-14 में UNCCD लैंड एम्बेसडर नामित किया गया था। इसमें इन्हें भूमि क्षरण, मरुस्थलीकरण और सूखे की चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। रिकी ने यूनेस्को-एमजीआईईपी में "दयालुता के वैश्विक राजदूत" के रूप में भी कार्य किया है।
  4. गौरतलब है कि रिकी को पहली बार ग्रेमी अवार्ड साल 2015 में "विंड्स ऑफ संसार" के लिए मिला था। इसके बाद इन्हें दूसरा ग्रेमी अवार्ड साल 2022 में स्टीवर्ड कोपलैंड के साथ "बेस्ट न्यू एज" एल्बम के लिए मिला। इस बार रिकी को जो अवार्ड मिला है उन्होंने अपने इस अवार्ड को भारत को समर्पित किया है।

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