रामकृष्ण परमहंस और प्रोफेसर मेघनाद साहा के बारे में जानते है

Prem Chand bhati
प्रोफेसर मेघनाद साहा
⬧ महान भारतीय वैज्ञानिक और खगोलविद प्रोफेसर मेघनाद साहा का जन्म 6 अक्टूबर, 1893 को हुआ था। 
⬧ भारत के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों में से एक मेघनाद साहा अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खगोलविद थे। उनकी इस ख्याति का आधार है -साहा समीकरण। यह समीकरण तारों में भौतिक एवं रासायनिक स्थिति की व्याख्या करता है। 
⬧ ‘साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान’ तथा ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टिवेशन ऑफ साइंस’ जैसी कई महत्त्वपूर्ण संस्थाओं की स्थापना का श्रेय प्रोफेसर साहा को जाता है।
⬧ उनकी आरम्भिक शिक्षा ढाका कॉलेजिएट स्कूल में हुई और बाद में उन्होंने ढाका महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की। 
⬧ वर्ष 1917 में क्वांटम फिजिक्स के प्राध्यापक के तौर पर उनकी नियुक्ति कोलकाता के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ साइंस में हो गई। 
⬧ सत्येन्द्रनाथ बोस के साथ मिलकर प्रोफेसर साहा ने आइंस्टीन और मिंकोवस्की के शोधपत्रों का अनुवाद अंग्रेजी भाषा में किया। 
⬧ वर्ष 1919 में अमेरिका के एक खगोल भौतिकी जर्नल में साहा का एक शोध पत्र छपा। यह वही शोध-पत्र था, जिसमें उन्होंने ‘आयनीकरण फॉर्मूला’ प्रतिपादित किया था। 
⬧ यह फॉर्मूला खगोलशास्त्रियों को सूर्य और अन्य तारों के आंतरिक तापमान और दबाव की जानकारी देने में सक्षम है।
⬧ तत्त्वों के थर्मल आयनीकरण के जरिये सितारों के स्पेक्ट्रा की व्याख्या करने के अध्ययन में साहा समीकरण का प्रयोग किया जाता है। 
⬧ यह समीकरण खगोल भौतिकी में सितारों के स्पेक्ट्रा की व्याख्या के लिए बुनियादी उपकरणों में से एक है। इसके आधार पर विभिन्न तारों के स्पेक्ट्रा का अध्ययन कर तारों के तापमान का पता लगाया जा सकता है। 
⬧ प्रोफेसर साहा के समीकरण का उपयोग करते हुए तारों को बनाने वाले विभिन्न तत्त्वों के आयनीकरण की स्थिति निर्धारित की जा सकती है। प्रोफेसर साहा ने सौर किरणों के वजन और दबाव को मापने के लिए एक उपकरण का भी आविष्कार किया।
⬧ प्रोफेसर मेघनाद साहा ने कई वैज्ञानिक संस्थानों, समितियों; जैसे नेशनल अकादमी ऑफ़ साइंस, इंडियन फिजिकल सोसाइटी, इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस के साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भौतिकी विभाग और कलकत्ता (कोलकाता) में परमाणु भौतिकी संस्थान का निर्माण करने में मदद की। 
⬧ वर्ष 1947 में साहा द्वारा स्थापित इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स का नाम उनके नाम पर ‘साहा इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स’ रख दिया गया। इसके अलावा उन्होंने विज्ञान और संस्कृति पत्रिका की स्थापना की तथा मृत्युपर्यंत इसके संपादक रहे।
⬧ एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ प्रोफेसर साहा एक स्वतंत्रता सेनानी भी रहे। उन्होंने देश की आज़ादी में भी योगदान दिया। प्रेसीडेंसी कॉलेज में पढ़ते हुए ही मेघनाद क्रांतिकारियों के संपर्क में आए। 
⬧ इसके बाद उनका संपर्क नेताजी सुभाष चंद्र बोस और राजेंद्र प्रसाद से भी रहा। भारत और उसकी समृद्धि में विज्ञान के महत्त्व को रेखांकित करने वाले प्रोफेसर मेघनाद साहा का आधुनिक और सक्षम भारत के निर्माण में अप्रतिम योगदान है। 
⬧ वैज्ञानिक होने के साथ-साथ प्रोफेसर साहा आम जनता में भी लोकप्रिय थे। वे वर्ष 1952 में भारत के पहले लोकसभा के चुनाव में कलकत्ता से भारी बहुमत से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीतकर आए।
⬧ 16 फरवरी, 1956 को उनकी मृत्यु हो गई
धुंडीराज गोविंद ‘दादासाहेब' फाल्के
⬧ दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल, 1870 को नासिक के निकट 'त्र्यंबकेश्वर' में हुआ था। 
⬧ इनकी शिक्षा मुम्बई में हुई तथा वहाँ उन्होंने 'हाई स्कूल' के बाद 'जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट' में कला की शिक्षा ग्रहण की।
⬧ उन्होंने इंजीनियरिंग और मूर्तिकला का अध्ययन किया तथा वर्ष 1906 में आई मूक फिल्म ‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ देखने के बाद मोशन पिक्चर्स/चलचित्र में उनकी रुचि बढ़ी।
⬧ फिल्मों में आने से पहले फाल्के ने एक फोटोग्राफर के रूप में काम किया, एक प्रिंटिंग प्रेस के मालिक बने और यहाँ तक कि प्रसिद्ध चित्रकार राजा रवि वर्मा के साथ भी काम किया।
⬧ वर्ष 1913 में,फाल्के ने भारत की पहली फीचर फिल्म (मूक) राजा हरिश्चंद्र की पटकथा लिखी, उसे निर्मित और निर्देशित किया। अपनी व्यावसायिक सफलता के परिणामस्वरूप फाल्के ने अगले 19 वर्षों में 95 अन्य फीचर फिल्मों के निर्माण के साथ ही 26 लघु फिल्में बनाईं।
⬧ उन्हें ‘भारतीय सिनेमा के जनक’ (Father of Indian Cinema) के रूप में जाना जाता है।
⬧ 16 फ़रवरी, 1944 को नासिक में 'दादा साहब फाल्के' का निधन हो गया।
⬧ भारत सरकार द्वारा भारतीय सिनेमा में दादा साहब फाल्के के योगदान को याद करने के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार वर्ष 1969 में प्रारंभ किया गया तथा अभिनेत्री देविका रानी को पहले फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
⬧ दादा साहब फाल्के ने वर्ष 1913 में भारत की पहली पूर्ण लंबाई वाली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र का निर्देशन किया था।
⬧ सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित, प्राप्तकर्ताओं को उनके 'भारतीय सिनेमा के विकास और विकास में उत्कृष्ट योगदान' के लिए पहचाना जाता है। 
⬧ इस पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल (गोल्डन लोटस) पदक, एक शॉल और ₹10 लाख का नकद पुरस्कार शामिल है।
रामकृष्ण परमहंस
● श्री रामकृष्ण का जन्म 18 फरवरी, 1836 को बंगाल के कामारपुकुर नामक गाँव के एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 
● गदाधर चट्टोपाध्याय एक गरीब ब्राह्मण पुजारी थे, जिन्हें बाद में रामकृष्ण परमहंस के नाम से जाना जाने लगा। 
● उनके पिता खुदीराम चटर्जी बड़े धर्मनिष्ठ और चरित्रवान व्यक्ति थे तथा उनकी माता का नाम चंद्रमणि देवी था।
● उन्होंने अपना जीवन ईश्वर को समर्पित कर दिया तथा वे देवी काली के भक्त थे।
 रामकृष्ण दक्षिणेश्वर काली मंदिर में एक पुजारी थे और उन्होंने कई मठवासी और गृहस्थ शिष्यों को दीक्षा दी। 
● रामकृष्ण परमहंस का विवाह शारदा देवी से हुआ था, जो उनकी आध्यात्मिक संगिनी भी थीं।
● नरेंद्र नाथ दत्त (1863-1902) जिन्हें बाद में स्वामी विवेकानंद के नाम से जाना गया, वे रामकृष्ण परमहंस के सबसे समर्पित शिष्य थे, जिन्होंने अपने गुरु रामकृष्ण के संदेश को पूरी दुनिया में, खासकर अमेरिका और यूरोप में पहुँचाया।
● वर्ष 1886 में रामकृष्ण की मृत्यु के बाद, मठवासी शिष्यों ने बारानगोर में पहला मठ स्थापित किया।

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