भारतीय राजनीतिज्ञ सुषमा स्वराज की जीवनी

Prem Chand bhati
सुषमा स्वराज 
▪️सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी, 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ। 
▪️ उन्होंने अंबाला कैंट के सनातन धर्म कॉलेज से स्नातक किया और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 
▪️ सुषमा स्वराज को कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया था। 
▪️ वर्ष 1973 में, उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में वकालत शुरू की।
▪️ सुषमा स्वराज ने कम उम्र में सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया और वर्ष 1977 में 25 वर्ष की उम्र में हरियाणा विधान सभा के लिए चुनाव जीता तथा हरियाणा राज्य सरकार में श्रम और रोजगार मंत्री बनीं। 
▪️ वर्ष 1987 से 1990 अवधि के दौरान वह फिर से हरियाणा विधान सभा के सदस्य के रूप में चुनी गईं तथा शिक्षा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री बनीं।
▪️ सुषमा स्वराज वर्ष 1990 में, राज्य सभा सांसद बनीं और वर्ष 1996 में वह 11 वीं लोकसभा की सदस्य के रूप में चुनी गईं तथा केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री बनीं। 
▪️ वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में वह सांसद के रूप में पुनः निर्वाचित हुई और उन्होंने भारत सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री का पद संभालने के साथ अतिरिक्त प्रभार के तौर पर दूरसंचार मंत्रालय भी संभाला।  
▪️ सुषमा स्वराज अक्टूबर, 1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। 
▪️ इसके बाद, अप्रैल, 2000 में, वह फिर से राज्यसभा के लिए चुनी गईं और सितंबर, 2000 से जनवरी, 2003 तक सूचना और प्रसारण मंत्री बनीं तथा फिर जनवरी, 2003 से मई, 2004 तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और संसदीय मामलों की मंत्री रहीं।
▪️ सुषमा स्वराज दिसंबर, 2009 से मई, 2014 तक विपक्ष की नेता रहीं।
▪️ वर्ष 2014 में, वह 16 वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुईं। उन्होंने मई, 2014 से मई, 2019 तक भारत के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया।         
▪️ वह एक सक्षम प्रशासक और मानवीय स्पर्श वाली मिलनसार व्यक्ति थीं जिन्होंने विदेशों में संकट में फंसे भारतीयों की मदद करके एक अमिट छाप छोड़ी। इन गुणों के लिए, उन्हें 2017 में अमेरिकी दैनिक 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' द्वारा "भारत की सबसे पसंदीदा राजनीतिज्ञ" घोषित किया गया था।
▪️ 06 अगस्त, 2019 को सुषमा स्वराज का निधन हो गया। 
▪️ सुषमा स्वराज को भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ (मरणोपरांत) दिया गया। 
▪️ सुषमा स्वराज को उनके असाधारण वाक् कौशल और दयालु दृष्टिकोण के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

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