YouGov एक अंतर्राष्ट्रीय डेटा एनालिटिक्स फर्म है। यह यूके में बेस्ड है। इस संगठन ने हाल ही में प्रयोज्य आय पर एक रिपोर्ट जारी की। कर काटने के बाद जो आय नागरिकों के पास रहती है, वह प्रयोज्य आय कहलाती है। YouGov की रिपोर्ट कहती है कि एक तिहाई से अधिक शहरी भारतीय नागरिक दावा करते हैं कि उनकी प्रयोज्य आय में कमी आई है।
भारत में प्रयोज्य आय (Disposable Income in India)
- अगले 12 महीनों में शहरी भारतीय अपनी बचत बढ़ाएंगे। उनका प्रमुख खर्च स्वास्थ्य बीमा (आय का 26%), बचत (33%) और भविष्य के लिए निवेश (21%) खरीदना है। इनमें से ज्यादातर पेंशन से जुड़े शेयरों और योजनाओं में निवेश कर रहे हैं।
- पांच में से दो शहरी भारतीयों को अपने पैसे के प्रबंधन में मदद की जरूरत है।
- एक तिहाई को निवेश का उपयोग करने में मदद की जरूरत है।
- शोध किए गए 18 बाजारों में से ब्रिटेन में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। ब्रिटेन के बाद क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर इटली और पोलैंड थे।
प्रयोज्य आय में कमी के कारण
प्रयोज्य आय में कमी के दो प्रमुख कारण कोविड संबंधित आर्थिक संकट और यूक्रेन-रूस युद्ध संबंधी आर्थिक संकट के प्रभाव हैं। नौकरी छूटना गिरावट में योगदान देने वाला एक अन्य प्रमुख कारक है। मंदी के दौरान, सरकार का राजस्व घटता है और घाटा पैदा होता है। स्थिति को संभालने के लिए सरकार करों में वृद्धि करती है। नतीजतन, प्रयोज्य आय कम हो जाती है।
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