G20 एक विश्वव्यापी सम्पर्क प्रणाली है, जो 20 विश्व के सबसे विकसित और समृद्ध देशों के द्वारा प्रायोजित होती है। इसका उद्देश्य विश्व के अधिकांश महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं और समस्याओं को हल करने के लिए समर्थन करना है।
G20 में शामिल देशों की संख्या 19 हैं और उन्हें विश्व के सबसे विकसित देशों के तौर पर माना जाता है। इन्हें अधिकांश विश्व के सबसे महत्वपूर्ण विदेशी मुद्राओं के प्रतिबिम्ब के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं।
अब भारत ने G-20 की अध्यक्षता का प्रभार संभाल लिया है और 18वाँ शिखर सम्मेलन 2023 में भारत में आयोजित किया जाएगा।
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जी-20 देशों का पहला काम बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण करना है।
साथ ही सरकारों को कर्ज़ के स्तर को अनिवार्य रूप से बढ़ाए बिना कमज़ोर लोगों की मदद करने के तरीके खोजने होंगे। इससे संबंधित एक प्रमुख चिंता यह सुनिश्चित करना होगा कि बाहरी ज़ोखिमों की सावधानीपूर्वक निगरानी की जाए।
एक मज़बूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी रिकवरी के लिये G-20 द्वारा संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता है और बदले में इस तरह की संयुक्त कार्रवाई के लिये यूक्रेन में शांति स्थापित करने के साथ-साथ "आने वाले समय में उसके विखंडन को रोकने में मदद" की भी आवश्यकता है।
व्यापार को लेकर G-20 नेताओं को "अधिक खुले, स्थिर और पारदर्शी नियम-आधारित व्यापार" पर ज़ोर देने की आवश्यकता है जो वस्तु की वैश्विक कमी को दूर करने में मदद करेगा।
वैश्विक मूल्य शृंखलाओं के लचीलेपन को मज़बूत करने से भविष्य के झटकों से बचने में मदद मिलेगी।