भारत का पहला क्षेत्रीय रैपिड रेल (India's First Regional Rapid Rail) : डेली करेंट अफेयर्स

Prem Chand bhati

 यूपी सरकार के लिए एक कटाक्ष बोला जाता है। कहा जाता है कि दिल्ली सरकार की ट्रेन वाया लखनऊ जाती है, लेकिन बजट की मेहरबानी इस बार लखनऊ के साथ-साथ मेरठ और गाज़ियाबाद की ट्रेन पर भी दिख रही है। दरअसल बीते एक फ़रवरी को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया। जिसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच आने वाली भारत की पहली क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के लिए 3,596 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।


दरअसल दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस एक सेमी-हाई स्पीड रेल आधारित ट्रांजिट नेटवर्क है जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) कार्यान्वित कर रहा है। इसकी कुल लम्बाई 82 किलोमीटर है। जिसमें से 14 किमी दिल्ली में है जबकि 68 किमी उत्तर प्रदेश में है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर परियोजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करना है। साथ ही, वाहनों के आवागमन और वायु प्रदूषण को कम करेगा।


इस परियोजना का शिलान्यास 8 मार्च 2019 को किया गया था। जून 2019 में इसका सिविल निर्माण का कार्य शुरू किया गया। एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद, आरआरटीएस ट्रेनों की डिजाइन स्पीड 180 किमी प्रति घंटा और ऑपरेशनल स्पीड 160 किमी प्रति घंटा होगी। दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस से 55 मिनट के बीच दो प्रमुख शहरों के बीच की दूरी को कवर किया जा सकेगा और इस कॉरिडोर में कुल 25 स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर पर रैपिड रेल को 2025 तक पूरी तरह ऑपरेशनल कर दिया जाएगा।


इसके एक कोच में 75 यात्री बैठकर सफर कर सकेंगे और अधिकतम 400 यात्री सफर कर सकेंगे। आपातकालीन स्थिति में रैपिड ट्रेन से मरीज को स्ट्रैचर पर अस्पताल ले जाया जा सकेगा। एनर्जी की बचत करने के लिए रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे। जिससे हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी।


खास बात यह कि इस बार केंद्र सरकार के आम बजट में पिछली बार की तुलना में रेलवे को तकरीबन दोगुना बजट मिला है। जिसमे यूपी के खाते में और खास तौर से उत्तर मध्य रेलवे को एक बड़ा हिस्सा मिल सकता है लेकिन बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने यूपी रेलवे के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। जैसे भाषण में यह कहा गया कि वंदे भारत जैसी सेमी हाई स्पीड ट्रेन के कोच रायबरेली में भी बनायें जायेंगे और अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत लखनऊ डिवीज़न के 44 स्टेशन सहित प्रदेश के अन्य स्टेशन को री-डेवलप्ड किये जायेंगे।

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