प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM): भारत की स्वास्थ्य अवसंरचना

Prem Chand bhati

 चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में भारत सरकार ने स्वास्थ्य बुनियादी अवसंरचना को मज़बूत करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से 13,879 करोड़ रुपए उधार लेने हेतु ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) को बढ़ावा देने के लिये किये गए हैं, जिसे अक्तूबर 2021 (वित्त वर्ष 2025-26 हेतु) में लॉन्च किया गया था। 

समझौते के प्रमुख बिंदु:  

  • एशियाई विकास बैंक (ADB) के साथ 300 मिलियन अमेरिकी डाॅलर और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) के साथ 50 बिलियन जापानी येन के लिये ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
  • विश्व बैंक ने PM-ABHIM के लिये IBRD (इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट) के माध्यम से 1 बिलियन अमेरिकी डाॅलर की मंज़ूरी दी है।
  • IBRD विश्व बैंक की उधार देने वाली शाखा है।

प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM):   

परिचय: 

  • यह देश भर में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे  को मज़बूत करने के लिये सबसे बड़ी अखिल भारतीय योजनाओं में से एक है।
  • यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त है।
  • यह 10 'उच्च फोकस' वाले राज्यों में 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को सहायता प्रदान करेगा और देश भर में 11,024 शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र स्थापित करेगा।
  • उद्देश्य: 
  • शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एक मज़बूत सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढाँचा  सुनिश्चित करना।
  • एक आईटी-सक्षम रोग निगरानी प्रणाली स्थापित करना।
  • सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिसका विस्तार सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया जाएगा।
प्रमुख पहलें:

यह राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), पाँच नए क्षेत्रीय NCDCs, 10 जैव सुरक्षा स्तर (BSL)- III और एक BSL-IV तथा 20 मेट्रोपॉलिटन निगरानी इकाइयों (MSUs) को मज़बूत बनाने के लिये 12 केंद्रीय अस्पतालों में 602 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक, स्थापित करने में मदद करेगा।

भारत में हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार की आवश्यकता:  

  • कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (Primary Healthcare Centres- PHC) में बिस्तर, कमरे, शौचालय और पीने के पानी की सुविधा, शिशुओं को जन्म देने के लिये स्वच्छ लेबर रूम और नियमित रूप से बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare -MoHFW) के 2021 ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी के अनुसार, शहरी और जनजातीय क्षेत्रों में PHCs की कुल संख्या क्रमशः 5439 एवं 3966 है।
  • नीति आयोग की वर्ष 2021 की रिपोर्ट 'रिइमेजिनिंग हेल्थकेयर इन इंडिया थ्रू ब्लेंडेड फाइनेंस' में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत में 35% अस्पतालों के बिस्तर/बेड्स 50% आबादी की ज़रूरतों को पूरा करते हैं। इस प्रकार सभी के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने की आवश्यकता है।

हेल्थकेयर से संबंधित हालिया सरकारी पहल: 

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
  • आयुष्मान भारत
  • आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना
  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम
  • जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम
  • राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

आगे की राह 

  • स्वास्थ्य सेवा से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के लिये भारत में बेहतर स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढाँचे की आवश्यकता है, जिसमें नई स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु निवेश में वृद्धि, मौजूदा सुविधाओं में सुधार, साथ ही और अधिक चिकित्सा पेशेवरों की भर्ती एवं उनका प्रशिक्षण शामिल है।
  • इससे गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल तक पहुँच में सुधार और रोगियों पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।

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