रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Remote Electronic Voting Machine) : डेली करेंट अफेयर्स

Prem Chand bhati

 क्या आप काम या शिक्षा के लिए अपने घरों से बाहर रहते हैं और इसलिए चुनावों के दौरान अपना कीमती वोट नहीं डाल सकते हैं? अगर ऐसा है तो आपके मन में यह सवाल तो जरूर आया होगा कि क्यों ना चुनाव आयोग ऐसा कोई उपाय कर दे कि हम प्रवास के समय जहां है वहीं से अपने खुद के निर्वाचन क्षेत्र में वोट कर सकें। आपको यह जानकर खुशी होगी कि ऐसा संभव हो सकता है, क्योंकि इस परेशानी से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने एक उपाय निकाला है। दरअसल हाल ही में आयोग ने एक नयी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रस्ताव रखा, जिससे घरेलू प्रवासी भी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चुनाव में मतदान दे सकें। घरेलू या आतंरिक प्रवासी उन व्यक्तियों को कहा जाता है जो अपने ही देश में एक गांव, शहर या राज्य से जाकर किसी दूसरी जगह प्रवास करते हैं।


2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 45.36 करोड़ नागरिक प्रवासी हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 67 प्रतिशत नागरिकों ने वोट दिया था जोकि देश के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मतदान है। लेकिन इसके बावजूद लगभग 30 करोड़ लोगों ने मतदान नहीं किया था जिसका मुख्य कारण है कि अधिकांश नागरिक अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र से दूर थे। इसका मतलब है कि लगभग 30 करोड़ मतदाता अपने क्षेत्र से दूर रहने या अन्य किसी वजह से वोट करने से वंचित रह जाते हैं। एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए यह अच्छी बात नहीं कही जा सकती।

गौरतलब है कि साल 2015 में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवासियों को मतदान के अवसर से कथित तौर पर वंचित करने से सम्बंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को दूरस्थ मतदान के विकल्पों का पता लगाने का निर्देश दिया था। इसके अलावा कुछ साल पहले टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने इस विषय पर एक स्टडी की थी। इस स्टडी में सामने आया था कि प्रवासी मतदाताओं के मताधिकार का इस्तेमाल न करने की वजह से मतदान पर असर पड़ता है।

इन्हीं सब बातों को देखते हुए चुनाव आयोग ने आईआईटी के संस्थानों के साथ मिलकर रिमोट वोटिंग मशीन पर एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू किया। इसमें मतदाताओं को उनके गृह राज्य से दूर मतदान केंद्रों पर टू-वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके बायोमेट्रिक डिवाइस और वेब कैमरे की मदद से वोट डालने की अनुमति देने की व्यवस्था बनाई गई। ईवीएम की तरह ही आरवीएम के लिए किसी तरह के इंटरनेट या कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है। प्रवासी मतदाताओं के वोट देने के लिए आरवीएम सेंटर बनाए जाएंगे। इन आरवीएम केंद्रों पर जाकर मतदाता अपने निर्वाचन क्षेत्र की जानकारी ले सकता है। निर्वाचन क्षेत्र को चुनने पर मतदाता के सामने प्रत्याशियों की लिस्ट आ जाएगी। जिनमें से वो अपने पसंदीदा प्रत्याशी को बिना गृह राज्य लौटे ही वोट कर सकेगा। इस तरह से मतदाताओं को वोट डालने के लिए वो जहां हैं, वहीं से उन्हें वोट डालने का अधिकार मिल जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से बनाई गई इस रिमोट वोटिंग मशीन में एक साथ 72 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करवाया जा सकता है।

चुनाव आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रयोग करने का प्रस्ताव दिया है ताकि सम्बंधित राज्य के आंतरिक प्रवासी अपना मतपत्र डाल सकें। यदि यह नयी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक मशीन की योजना सफल होती है तो करोड़ों घरेलू प्रवासी भी लोकतंत्र के महान उत्सव में हिस्सा ले पाएंगे। हालांकि विपक्षी दल इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं और अंदेशा जता रहे हैं कि यह आरवीएम हैक किया जा सकता है। बहरहाल अगर चुनाव आयोग विपक्षी दलों को संतुष्ट कर पाता है तो यह एक अच्छा कदम साबित हो सकता है।



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