हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना 5वां पूर्ण बजट पेश किया। इस बजट में उन्होंने मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की चर्चा की है। आपको बता दें वित्त मंत्री ने मोटे अनाजों के लिए ‘श्री अन्न’ सम्बोधन का प्रयोग किया है। वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा की, “भारत मोटे अनाजों यानि कि मिलेट्स का हब है। भारत में इसके उत्पादन को बढ़ाकर देश को मिलेट्स का वैश्विक केंद्र बनाया जायेगा। इसके अलावा मिलेट्स उत्पादन के क्षेत्र में शोध कार्य बढ़ाने के लिए देश में मिलेट्स रिसर्च सेण्टर की भी स्थापना की जाएगी।”
श्री अन्न के अंतर्गत किन-किन अनाजों को रखा गया है?
श्री अन्न के अंतर्गत मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू के दानों आदि को शामिल किया जाता है। ये अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी भारत के प्रस्ताव पर साल 2023 को इंटरनेशनल मिलेट ईयर के रूप में घोषित किया है। इसलिए सरकार विशेष रूप से इनके उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है। हाल ही में कृषि मंत्रालय ने मिलेट्स फ़ूड फेस्टिवल का भी आयोजन किया था, जिसमें बहुत सारे मंत्रियों और सांसदों ने हिस्सा लिया था।
चर्चा में क्यों?
- जलवायु सहिष्णु - सबसे पहले तो ये अनाज जलवायु के प्रति सहिष्णु होते हैं और तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन से आसानी से प्रभावित नहीं होते। इसके अलावा इन अनाजों के उत्पादन में भी कम लागत आती है और इनकी सबसे बड़ी विशेषता तो ये है कि पोषक तत्वों से भरपूर ये अनाज कम उर्वर और ऊसर मृदा में भी अच्छी उपज देते हैं। अगर सरल शब्दों में कहें तो ये अनाज किसान के मित्र होते हैं जो कम लागत और कम परिश्रम में ही अच्छा उत्पादन करते हैं।
- कुपोषण के शत्रु- आज भुखमरी और कुपोषण भारत की ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में इन अनाजों को कुपोषण रोकने के एकमात्र उपाय के रूप में देखा जा रहा है। आपको बता दें ये अनाज प्रोटीन, डायट्री फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज़, फॉस्फोरस, पोटैशियम और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स जैसे पोषक तत्वों का खजाना होते हैं। भारत जैसे विशाल जनसँख्या वाले देशों के लिए ये अनाज किसी वरदान से कम नहीं हैं। इन अनाजों को दैनिक भोजन में शामिल करने से कुपोषण की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
- बीमारियों से रखे दूर- मिलेट्स ग्लूटन फ्री और ग्लाइसीमिक इंडेक्स में लो होने के साथ ही साथ प्रोटीन, फाइबर और विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जिससे ये डायबिटीज, कैंसर और हाई ब्लड प्रेशर आदि रोगों से बचाते हैं। इसके अलावा मिलेट्स कोलेस्ट्रॉल कम करने और मोटापा कम करने में भी बहुत मददगार होते हैं।
श्री अन्न योजना से होने वाले आर्थिक लाभ
यूं तो मिलेट्स के फायदे ही फायदे हैं लेकिन अगर भारत मिलेट्स उत्पादन का वैश्विक केंद्र बन गया तो कृषि उत्पादों के निर्यात में तेजी से वृद्धि होगी। क्योंकि वर्तमान में मोटे अनाजों की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में निर्यात बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा साथ ही साथ किसानों की आय में भी क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। इसके अलावा इन अनाजों के उत्पादन से लेकर निर्यात तक के चरण को पूरा करने में कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के स्रोत भी बढ़ेंगे जिससे देश में बेरोज़गारी भी कम होगी।