भारतीय सेना के एविएशन का एक चीता हेलीकॉप्टर गुरुवार को अरुणाचल प्रदेश के बोम्डिला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सवार एविएशन के दो पायलट जिनमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल पद के अधिकारी हैं और मेजर पद के को-पायलट इस क्रैश में शहीद हो गए हैं। सेना के मुताबिक, यह हेलीकॉप्टर अपने रूटीन ऑपरेशन पर सेन्गे से निकला था और असम के मिसामारी जा रहा था।
सुबह 9:15 बजे इसका संपर्क एटीसी से टूटा
बोम्डिला के मंडाला के आसपास सुबह 9:15 बजे इसका संपर्क एटीसी से टूट गया। घटना की सूचना के बाद भारतीय सेना अरुणाचल प्रदेश की पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियां इस हेलीकॉप्टर की तलाश में इस पूरे इलाके में जुटी हुई है। भारतीय सेना की एवियेशन में चीता हेलीकॉप्टर लगभग छह दशक पुराने हो चुके हैं और 2017 के बाद से सिर्फ मिलिट्री के लिए ही 30 से ज्यादा पायलट चीता और चेतक हेलीकॉप्टर्स की दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं।
चीता हेलीकॉप्टर भारत में 6 दशक से ज्यादा पुराने
भारतीय सेना के कामकाज के लिए एएलएच का विकल्प चीता और चेतक हेलीकॉप्टर है। अरुणाचल प्रदेश में आज हुए हादसे में भी चीता हेलीकॉप्टर ही इस्तेमाल किया जा रहा था। चीता हेलीकॉप्टर भारत में 6 दशक से ज्यादा पुराने हो चुके हैं और पिछले 5 सालों में इनकी दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ी है। ऐसे में पिछले साल अक्टूबर महीने में भारतीय सेना के एविएशन विंग के पायलटों के परिवारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर चीता और चेतक हेलीकॉप्टर्स को सेवा मुक्त करने की मांग की थी। पत्र लिखने वालों में 140 महिलाएं भी थीं जिनमें से कुछ अपने पति को ऐसे हादसों में खो चुकी हैं।