भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) रविवार यानी 26 मार्च को ब्रिटेन के 36 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए। भेजे गए सभी सैटेलाइट का कुल वजन 5805 किलोग्राम है। इस मिशन को LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 नाम दिया गया है। इनकी लॉन्चिंग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से सुबह 9.00 बजे की गई।
इसमें ISRO के 43.5 मीटर लंबे LVM3 रॉकेट (GSLV-MK III) का इस्तेमाल किया गया। ये ISRO का सबसे भारी रॉकेट है। इसने दूसरे लॉन्चपैड से उड़ान भरी। इस लॉन्च पैड से चंद्रयान-2 मिशन समेत पांच सफल लॉन्चिंग हो चुकी हैं। LVM3 से चंद्रयान-2 मिशन समेत लगातार पांच सफल मिशन लॉन्च किए जा चुके हैं। यह इसकी छठी सफल उड़ान है।
अमेरिका, जापान समेत 6 कंपनियों की हिस्सेदारी
वनवेब के लिए ISRO की कमर्शियल यूनिट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का ये दूसरा मिशन रहा। नेटवर्क एक्सिस एसोसिएटेड लिमिटेड यानी वनवेब (OneWeb) UK की संचार कंपनी है। इसमें ब्रिटिश सरकार, भारत की भारती इंटरप्राइजेज, फ्रांस की यूटेलसैट, जापान का सॉफ्टबैंक, अमेरिका के ह्यूज्स नेटवर्क्स और दक्षिण कोरियाई डिफेंस कंपनी हनव्हा की हिस्सेदारी है। ये सैटेलाइट आधारित सेवा मुहैया कराने वाली संचार कंपनी है। इसका मुख्यालय लंदन में है।
कामयाब हुआ तो, हर कोने में स्पेस आधारित ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस होगी
ISRO ने सोमवार को ट्वीट कर LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 मिशन की लॉन्चिंग की जानकारी दी थी। वनवेब के 36 सेटेलाइट्स फ्लोरिडा से 16 फरवरी को ही भारत आ गए थे। यह लॉन्चिंग अगर कामयाब होती है, तो वनवेब इंडिया-2 स्पेस में 600 से ज्यादा लोअर अर्थ ऑर्बिट सेटेलाइट्स के कान्स्टलेशन को पूरा कर लेगी। इससे दुनिया के हर कोने में स्पेस आधारित ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस मुहैया कराने की योजना में मदद मिलेगी।