125 फीट ऊँची अंबेडकर प्रतिमा का अनावरण दैनिक समसामयिकी करेंट अफेयर्स

Prem Chand bhati

विश्व कला दिवस 2023

विश्व में कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 15 अप्रैल को ‘विश्व कला दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस के अवसर पर कला में रूचि रखने वाले लोग अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। लोगों को कला के महत्त्व के बारे में जागरूक भी किया जाता है। 

पहली बार विश्व कला दिवस वर्ष 2012 में मनाया गया था। फिर इसे आधिकारिक रूप से वर्ष 2015 में लॉस एंजिल्स में मनाया गया। फिर 2019 में यूनेस्को के सामान्य सम्मलेन के 40वें सत्र में प्रतिवर्ष इस दिवस को मनाने की घोषणा की गई। इसके बाद से हर साल कलाप्रेमियों द्वारा इस दिवस का अपने-अपने तरीकों से आयोजन किया जाता है।

इस दिवस पर लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं का आयोजन करते हैं। इन कार्यक्रमों का आयोजन स्कूलों, महाविद्यालयों या अन्य कला शिक्षण संस्थानों द्वारा अपने स्तर पर किया जाता है। 

125 फीट ऊँची अंबेडकर प्रतिमा का अनावरण

हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने राज्य राजधानी में भीमराव अम्बेडकर की 125 फुट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया। सीएम राव ने 132वीं अम्बेडकर जयंती के अवसर पर इस प्रतिमा का अनावरण किया। इसके साथ ही देश में यह बाबा साहब की सबसे ऊँची प्रतिमा बन गई है। इस प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर भी उपस्थित थे, जो डॉ. बीआर अंबेडकर के पोते हैं।

इस प्रतिमा के बारे में:

  • यह प्रतिमा हुसैन सागर झील के सुंदर किनारों पर राज्य सचिवालय के निकट स्थित है।
  • यह बुद्ध प्रतिमा के सामने और तेलंगाना शहीद स्मारक के पास में स्थित है।
  • इस प्रतिमा को 98 वर्षीय मूर्तिकार राम वनजी सुतार कृष्णा ने बनाया है, जो पद्म भूषण से सम्मानित है। 
  • यह प्रतिमा स्टेनलेस स्टील और कांस्य के उपयोग से बनाई गई है। 
  • इस प्रतिमा का वजन 474 टन है। इसमें स्टेनलेस स्टील 360 टन और कांस्य 114 टन है। 
  • कांस्य का उपयोग मूर्ति की ढलाई के लिए किया गया है।
  • विश्व आवाज दिवस (WVD) 2023

हर साल 16 अप्रैल को विश्व आवाज दिवस (WVD) मनाया जाता है। जैसे की इस दिवस के नाम से प्रतीत होता है, यह मानव आवाज के महत्त्व को उजागर करता है। इसका उद्देश्य मानव आवाज से संबंधित समस्याओं को समाप्त करना, कलात्मक आवाज को प्रशिक्षित करना, असामान्य या फिर क्षतिग्रस्त आवाज का उपचार करना है। विशेष रूप से यह मानव आवाज की उचित देखभाल और प्रशिक्षण को बढ़ावा देता है। 

यह दिवस आवाज से संबंधित अनुसंधानों के प्रयासों का समर्थन करता है, जो कला, ध्वनि विज्ञान, जीव विज्ञान, मनोविज्ञान, संगीत, भाषा वैद्यकी और चिकित्सा क्षेत्रों में उपयोग में लिए जाते हैं। 

इस दिवस का इतिहास

पहली बार वर्ष 1999 में ब्राजील के सोसाइटी ऑफ लैरिंगोलॉजी एंड वॉयस ने आवाज के लिए एक विशेष दिवस रखने की विचारधारा को अपनाया था। पुर्तगाली लैरिंगोलॉजिस्ट और यूरोपीय लैरिंगोलॉजिकल सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर मारियो एंड्रे ने वर्ष 2002 में प्रस्ताव दिया कि विश्व आवाज दिवस को विश्व स्तर पर मनाया जाना चाहिए। कई विकसित देशों ने इस विचार को अपनाया। फिर वॉयस शोधकर्ताओं डॉ फिलिपा (पुर्तगाल), प्रोफेसर टेकुम्सेह फिच (ऑस्ट्रिया) और प्रोफेसर जोहान संडबर्ग (स्वीडन) ने वर्ष 2012 में अन्य देशों के आवाज विशेषज्ञों को आमंत्रित किया था। वर्तमान में इस समूह में 66 सदस्य है।  

असम में मेथनॉल संयंत्र की स्थापना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में असम में कई परियोजनाओं का आगाज किया। पीएम मोदी ने असम में मेथनॉल संयंत्र की स्थापना, नई रेल परियोजनाओं के शुभारंभ की घोषणा की। इसके अलावा राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक पुल की आधारशिला रखी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम, गुवाहाटी से वर्चुअल माध्यम में 5 रेल परियोजनाओं का उद्धघाटन किया। 

इनमें दिगारू-लुमडिंग खंड, गौरीपुर–अभयपुरी खंड, न्यू बोंगाईगांव और धूप धारा खंड का कार्य शामिल हैं। पीएम ने रानीनगर जलपाईगुड़ी-गुवाहाटी खंड का विद्युतीकरण, सेंचोआ-सिलघाट टाउन और सेंचोआ-मैराबाड़ी खंड के विद्युतीकरण की भी शुरुआत की है। 7,300 करोड़ रुपये के कुल लागत से इन परियोजनाओं को शुरू किया गया है।

ब्रह्मपुत्र नदी पर पलासबाड़ी-सुआलकुची पुल का निर्माण 3,200 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।

मेथनॉल संयंत्र के बारे में

इस संयंत्र को असम पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (APL) द्वारा शुरू किया जा रहा है। इस संयंत्र की क्षमता 500 टन प्रति दिन है। इस मेथनॉल संयंत्र की कुल लागत 1,709 करोड़ रुपये हैं। राज्य सरकार की इस संयंत्र में 51% और ऑयल इंडिया 49% हिस्सेदारी है।

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