हिमाचल प्रदेश का अर्थ है ‘बर्फ से ढका हुआ क्षेत्र, डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के बारे में

Prem Chand bhati

अंबेडकर जयंती 2023

अंबेडकर जयंती, डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के जन्मतिथि (14 अप्रैल) के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। इस वर्ष यह जयंती बाबा साहेब के 132वें जन्मदिन के अवसर पर मनाई गई। केंद्र सरकार ने इस जयंती को एक सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। 

डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के बारे में:

14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू गांव के महार परिवार में डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर का जन्म हुआ। निम्न जाति से होने के कारण उन्हें बचपन से ही अपमान का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई एल्फिंस्टोन से की। वे उस स्कूल में अपनी जाति के एकमात्र छात्र थे। स्कूल में भी शिक्षकों और वहाँ के कर्मचारियों द्वारा उनका अपमान किया जाता था। उन्हें स्कूल के सार्वजनिक मिट्टी के मटके से पानी पीने की अनुमति भी नहीं थी। इतने कड़े संघर्ष में भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डिग्री हासिल की। 

अर्थशास्त्र, कानून और राजनीति के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले बाबसाहब बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति थे। उन्हें भारत के संविधान के जनक के रूप में मान्यता दी गई है। समाज सुधारक के रूप में बाबसाहब ने भारत में दलितों और महिलाओं के अधिकारों के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया। उन्हें 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से मरणोपरांत सम्मानित किया गया था।

बैसाखी त्योहार 2023

बैसाखी त्योहार, सिख समुदाय का महत्त्वपूर्ण त्यौहार है। वैशाख माह में आने के कारण इसे बैसाखी/वैशाखी कहा जाता है। यह त्यौहार वैशाख माह के पहले दिन मनाया जाता है, जो 13 या 14 अप्रैल को आती है। 

इस दिन के अवसर पर घर-परिवार के लोग फसल के मौसम की शुरुआत का जश्न मनाते हैं। सिख लोगों द्वारा इस दिन विभिन्न स्थानों पर लंगर का आयोजन किया जाता है। त्योहार के दिन परम्परागत भोजन के रूप में कड़ा प्रसाद, गेहूं का हलवा आदि परोसा जाता है। पारंपरिक पहनावा पहनकर लोक नृत्य किया जाता है।

देश में अन्य समुदाय के लोगों द्वारा भी इस त्योहार को मनाया जाता है। हिन्दू समुदाय के लोगों द्वारा गंगा नदी में स्नान किया जाता है। बैसाखी पर्व पर हरिद्वार और ऋषिकेश में बड़ा मेला लगता है। इस दिन सूर्य मेष राशि में संक्रमण करता है, इसलिए इसे मेष सक्रांति भी कहा जाता है। इसे विषुवत संक्रान्ति भी कहा जाता है।

सिखों के 10वें गुरु ‘गोबिंद सिंह’ द्वारा मार्च, 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की गई थी। बैसाखी दिवस इसका स्मरण भी कराता है। 

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो का एकीकृत पोर्टल

हाल ही में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के एकीकृत पोर्टल को लॉन्च किया गया है। यह पोर्टल ड्रग्स और नियंत्रित पदार्थों के कारोबार को आसान बनाने में मदद करेगा। 

भारत कोष, जीएसटी, PAN-NSDL सत्यापन, ई-संचित और UIDAI सहित अन्य सरकारी सेवाओं के साथ अंतर्ग्रहण के लिए यूनिफाइड पोर्टल को परखा गया है। यह पोर्टल CBN से लाइसेंस प्राप्त करने के साथ उपयोगकर्ता के लिए सुरक्षित और उनके अनुकूल और पारदर्शी संचालन की सुविधा के लिए एकल बिंदु सेवा प्रदान करेगा। इससे नारकोटिक ड्रग्स और नियंत्रित पदार्थों के आयातकों, निर्यातकों और निर्माताओं को लाभ होने की उम्मीद है। यूनिफाइड पोर्टल प्रसंस्करण समय के लिए भौतिक संपर्क (physical contact) की आवश्यकता को समाप्त करता है, जिससे समय की बचत होती है।

CBN के बारे में:

केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो, केंद्र सरकार का संगठन है। यह नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रोपिक सब्सटेंस और प्रीकर्सर केमिकल्स के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करता है। 

इसे स्वापक नियंत्रण ब्युरो भी कहा जाता है। यह ड्रग तस्करी के मामलों से निपटान के लिए भारत की नोडल ड्रग कानून प्रवर्तक है। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) या भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी को NCB के महानिदेशक और उप महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया जाता है। वर्तमान में सत्यनारायण प्रधान (IPS) CBN के महानिदेशक और आर. एन. श्रीवास्तव (IRS) उप महानिदेशक है।

हिमाचल दिवस (Himachal Day) 2023

हिमाचल प्रदेश के निर्माण की स्मृति में हर साल 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस मनाया जाता है। यह देश के उत्तरी भाग में स्थित है। इस राज्य के उत्तर में जम्मू, कश्मीर, पश्चिम में पंजाब, दक्षिण-पश्चिम में हरियाणा, पूर्व में तिब्बत और दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड स्थित है। राज्य का कुल क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर है। 

हिमाचल प्रदेश का अर्थ है ‘बर्फ से ढका हुआ क्षेत्र’

देश की आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को मुख्य प्रान्त के रूप में हिमाचल प्रदेश का गठन किया गया। फिर 25 जनवरी 1950 को हिमाचल प्रदेश को ‘ग’ श्रेणी के राज्य का दर्जा दिया गया। इसके बाद 1 नवम्बर, 1956 को हिमाचल प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया। केंद्र शासित प्रदेश बनने के 10 वर्षों बाद पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों को भी हिमाचल प्रदेश में शामिल किया गया। 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश एक पूर्ण राज्य के रूप में अस्तित्व में आया और भारत का 18 वां राज्य बना।

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