भारतीय रेलवे देश में लगातार वंदे भारत ट्रेनों की तादाद बढ़ाकर सुविधाओं को बेहतर करने के प्रयास में लगा हुआ है। इसी कड़ी में बीते 1 अप्रैल को देश को 11वीं और मध्य प्रदेश को पहली वंदे भारत ट्रेन मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अप्रैल को भोपाल से मध्य प्रदेश की पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रधानमंत्री ने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंचकर इस ट्रेन को रवाना किया। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो बड़े रेलवे स्टेशन हैं - पहला है हबीबगंज दूसरा भोपाल रेलवे स्टेशन। बीते साल इस हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन कर दिया गया था। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत पुनर्विकसित ये देश का पहला अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन था।
बात 18वीं सदी की है। भोपाल से लगभग 60 किलोमीटर दूर एक गिन्नौर गढ़ राज्य था जहां के गोंड राजा निज़ाम शाह थे। इनकी सात रानियां थी और इन्हीं में से एक थी रानी कमलापति। इनके बारे में कहा जाता है कि वो बहुत ख़ूबसूरत थीं। गोंड के बारे में आपको बताए तो ये भारत के सबसे बड़े आदिवासी समुदायों में से एक हैं, जो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और ओडिशा में फैले हुए हैं।
निजाम शाह का एक भतीजा था आलम शाह। इसकी नजर निजाम शाह की दौलत और संपत्ति पर था। साथ ही, ऐसा कहा जाता है कि वो कमलापति की खूबसूरती से प्रभावित होकर उसे अपनी रानी बनाना चाहता था, लेकिन रानी ने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। आलम शाह ने धोखे से अपने चाचा निजाम शाह की हत्या कर दी। अब इसके बाद आलम शाह से रानी और उनके बेटे को भी खतरा हो गया।
इतिहासकारों के मुताबिक़, रानी कमलापति ने पड़ोस के दूसरे शासक दोस्त मोहम्मद खान से मदद मांगी। दोस्त मोहम्मद रानी की मदद करने के लिए तैयार तो हो गया, लेकिन उसने इसके बदले एक लाख रुपये की मांग की। रानी के पास इतने रुपए नहीं थे, लेकिन अपने पति के साथ हुए धोखे का बदला लेने के लिए उन्होंने दोस्त मोहम्मद को पैसे देने के लिए हामी भर दी।
इसके बाद रानी कमलापति ने दोस्त मोहम्मद की मदद से अपने पति के हत्यारे बाड़ी के राजा आलम शाह पर हमला कर उसकी हत्या कर दी और इस तरह रानी ने अपने पति की हत्या का बदला ले लिया। अब मुश्किल यह थी कि करार के मुताबिक रानी को दोस्त मोहम्मद को एक लाख रुपये देने थे, लेकिन उस वक्त रानी के पास इतना पैसा नहीं था। इसलिए उन्होंने दोस्त मोहम्मद को आधा पैसा तो दे दिया और बाकी आधे पैसे के बदले भोपाल का एक हिस्सा दे दिया। लेकिन रानी कमलापति के बेटे नवल शाह को यह बात पसंद नहीं आई। इसी बात को लेकर नवल शाह और दोस्त मोहम्मद के बीच लड़ाई हो गई। बताया जाता है कि इस युद्ध में नवल शाह की अल्प अवस्था में ही मृत्यु हो गई थी।
कमलापति "भोपाल की अंतिम हिंदू रानी" थीं। उन्हें न केवल उनकी बहादुरी के लिए जाना जाता है, बल्कि अपने राज्य में बेहतर जल प्रबंधन और बड़ी संख्या में पार्कों और मंदिरों की स्थापना के लिए भी जाना जाता है।
वन्दे भारत ट्रेनों के बारे में आपको बताएं तो ये स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित सेमी हाई स्पीड, स्व-चालित ट्रेनें हैं। इन्हें गति और यात्री सुविधा के मामले में राजधानी ट्रेनों की शुरुआत के बाद भारतीय रेलवे के अगले कदम के रूप में देखा जाता है।