दिन दिखेगा साल का पहला चन्द्र ग्रहण, जानें भारत में दिखाई देगा या नहीं

sohan bhati
वर्ष 2023 का पहला चन्द्र ग्रहण 5 मई को लगने वाला है. अभी हाल ही में साल का पहला सूर्यग्रहण 20 अप्रैल को लगा था. इस वर्ष की शुरुआत में 15 दिनों में दो ग्रहण देखने को मिल रहा है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चन्द्र ग्रहण लगने जा रहा है.
यह चंद्रग्रहण एक उपच्छाया (Penumbra) ग्रहण है, उपच्छाया चंद्रग्रहण तब दिखाई देता है, जब चंद्रमा केवल पृथ्वी की उपछाया में ही गुजरता है. साल का दूसरा चन्द्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा.
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है. सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण ये सब एक खगोलीय घटनायें है जो समय-समय पर घटित होती रहती है. साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था, जो एक हाइब्रिड सूर्यग्रहण था. 2023 का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा.    
साल का पहला चन्द्र ग्रहण:
इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण 5-6 मई को दिखाई देगा. यह खगोलीय घटना रात में 8 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर मध्यरात्रि के बाद (06 मई) 1 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगी. इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 15 मिनट की होगी.  
पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण 2023:
इस पेनुमब्रल ग्रहण के दौरान, चंद्रमा पृथ्वी की छाया के बाहरी भाग (जिसे पेनम्ब्रा के रूप में जाना जाता है) में गहराई या लगभग पूर्ण रूप से गुजरता है. 
इस ग्रहण का उम्ब्रल मैग्नीट्यूड (Umbral magnitude) -0.046 है, इसका अर्थ यह है कि चंद्रमा पृथ्वी की छाया के गहरे, आंतरिक भाग को मिस करता है. यह सितंबर 2042 तक का सबसे डीप पेनुमब्रल ग्रहण है.     
कब और कहां देख सकते है पहला चन्द्र ग्रहण?
साल का पहला चन्द्र ग्रहण, यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत अटलांटिक और हिंद महासागर में दिखाई देगा. साथ ही यह अन्य क्षेत्रों में चंद्रमा के उदय और अस्त के समय देखा जा सकता है.
* इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा क्षितिज (Horizon) के ऊपर होगा, इसलिए नई दिल्ली में मौसम की स्थिति अच्छी होने के कारण पूरा ग्रहण दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण के बारें में:
चंद्र ग्रहण भी सूर्य ग्रहण की तरह ही एक खगोलीय घटना है. चंद्र ग्रहण की स्थिति तब बनती है जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती. इस स्थिति में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा बिल्कुल एक सीध में होते है और यह स्थिति केवल पूर्णिमा के दिन ही घटित होती है.
पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति तब होती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच स्थित होती है और पृथ्वी की छाया चाँद पर पड़ती है. चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपच्छाया चंद्र ग्रहण.
पेनुमब्रल ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करते हुए चंद्रमा और सूर्य के बीच से गुजरती है और चंद्रमा की सतह पर छाया पड़ती है.

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