पिछले कुछ समय से भारत के पहलवान अपने विरोध प्रदर्शन के कारण काफी सुर्ख़ियों में हैं। दरअसल, भारतीय पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India – WFI) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) और अन्य प्रशिक्षकों पर महिला पहलवानों के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया है। इसके कारण विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे देश के शीर्ष पहलवान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के लिए सात महिला पहलवान आगे आई हैं। महिलाओं ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण शरण सिंह ने अनुचित टिप्पणियां कीं, उन्हें अनुचित तरीके से छुआ और यहां तक कि उन्हें यौन कृत्यों के लिए मजबूर करने की भी कोशिश की। महिलाओं ने WFI के अन्य प्रशिक्षकों और अधिकारियों पर भी यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
WFI प्रमुख और अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समूह ने न्याय की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। वे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं और मामले की स्वतंत्र जांच की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने खेल और युवा मामलों के मंत्रालय से भी मामले में हस्तक्षेप करने और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
पहलवान न्याय की मांग कर रहे हैं और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होने तक अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने का संकल्प लिया है। उन्होंने WFI द्वारा मामले को संभालने की भी आलोचना की है, जिसमें कहा गया है कि संगठन ने इस मुद्दे को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पहलवान कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए अन्य एथलीटों और जनता से समर्थन मांग रहे हैं।
WFI प्रमुख और अन्य अधिकारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों ने पूरे भारत में आक्रोश फैला दिया है। लोगों ने पहलवानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करने और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। इस घटना ने भारत में महिला एथलीटों के लिए एक सुरक्षित और समावेशी वातावरण की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला है।
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