हमारे भारत में तमाम ऐसे गांव हैं जिनका पारिस्थितिकी, विकासात्मक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक नजरिए से काफी महत्व रहा है। उदाहरण के तौर पर चिपको आंदोलन में शामिल रैणी गाँव पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण गांव है। विकासात्मक महत्व के अंतर्गत गुजरात का मोढेरा, भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित गाँव है। ग्रामीण भारत के ऐसे ही तमाम सांस्कृतिक विरासत का दोहन करने और उनसे संबंधित जानकारियों को दुनियाभर के सामने आसानी से पहुंचाने के लिए सरकार ने इन गांवों का डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन करना शुरू किया है। यह पूरा काम राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन के 'मेरा गाँव मेरी धरोहर' कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 27 जुलाई को इस अनूठी पहल 'मेरा गांव मेरी धरोहर' का शुभारंभ किया। यह वर्चुअल प्लेटफॉर्म जिसका कि लिंक आपको स्क्रीन पर दिखाई दे रहा होगा https://mgmd.gov.in लोगों को भारत के गांवों से जोड़ेगा। इस कंप्रिहेंसिव पोर्टल पर गांव के बारे में जितनी भी महत्वपूर्ण जानकारियां होंगी उसको दिखाया जाएगा। इसमें उस गांव की भौगोलिक स्थिति, जनसांख्यिकीय पहलू और पारंपरिक पोशाक, आभूषण, कला और शिल्प, मंदिर, मेले, त्योहार और अन्य बहुत से विवरण शामिल हैं।
बता दें कि राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन को देश भर में कला रूपों, कलाकारों और अन्य संसाधनों का एक व्यापक डेटाबेस विकसित करने के लिये साल 2017 में संस्कृति मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। संस्कृति मंत्रालय ने ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के समन्वय से राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन के अंतर्गत 'मेरा गांव मेरी धरोहर' (MGMD) परियोजना का शुभांरभ किया है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य एक व्यापक वर्चुअल मंच पर 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में फैले भारत के 6.5 लाख गांवों का सांस्कृतिक मानचित्रण करना है। MGMD के माध्यम से लोगों को भारत की विविध और जीवंत सांस्कृतिक विरासत को जानने का अवसर मिलेगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रोत्साहित करना, ग्रामीण समुदायों में आर्थिक विकास, सामाजिक सद्भाव और कलात्मक विकास का मार्ग प्रशस्त करना है।