आमतौर पर आप जब फैक्ट्री का नाम सुनते हैं तो एक ऐसी जगह दिमाग में आती है, जहां बड़े पैमाने पर किसी चीज़ का प्रोडक्शन किया जाता है. ये प्लास्टिक के किसी सामान, कपड़े या फिर खिलौने बनाने की भी फैक्ट्री हो सकती है.
कम से कम आप बच्चों की फैक्ट्री के बारे में तो नहीं ही सोच सकते हैं लेकिन ऐसा हो रहा है. अफ्रीका में एक ऐसा देश है, जहां सामानों की तरह ही बच्चों का प्रोडक्शन होता है.
छोटी सी उम्र में बन जाती हैं मां
बेबी फार्मिंग के नाम से चलने वाला ये घिनौना धंधा आराम से चल रहा है. कम उम्र की लड़कियों को किडनैप करके इस धंधे में उतारा जाता है. उन्हें ज़बरदस्ती प्रेग्नेंट किया जाता है और बच्चे पैदा करने के लिए मजबूर किया जाता है. इस बिजनेस को बढ़ावा मिलता है उन कपल्स से, जिनकी कोई संतान नहीं हैं. ऐसे में लड़कियों को जबरन सरोगेट मदर बनाकर उनसे बच्चे पैदा कराए जाते हैं और फिर इन्हें ऊंची कीमत पर बेच दिया जाता है. बेबी फार्मिंग का व्यापार अस्पतालों, अनाथालयों और दूसरी जगहों पर चोरी-छिपे चलाया जा रहा है. कई बार तो खुद गरीबी और बदहाली की वजह से लड़कियां और महिलाएं सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार हो जाती हैं.
कानून की आड़ में चलाते हैं व्यापार
ऐसा नहीं है कि इस घिनौने धंधे के बारे में किसी को पता नहीं है. अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रह चुके बेबी फार्मिंग के तमाम केस सामने आ चुके हैं और मानवाधिकार संस्थाएं इसे खत्म करने के लिए प्रयास भी करती रही हैं लेकिन ये पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. साल 2011 में गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षाकर्मियों ने एक छापे में 32 प्रेग्नेंट महिलाओं को रिहा कराया था. ये लड़कियां छोटी उम्र में प्रेग्नेंट होने के बाद भी अबॉर्शन नहीं करा सकतीं क्योंकि नाइजीरिया का कानून इसे इज़ाजत नहीं देता. यहां अबॉर्शन को बड़ा अपराध माना जाता है और इस पर 3-7 साल की जेल हो सकती है. माफिया इस तरह पैदा हुए बच्चों को 3-4 रुपये में बेचकर मुनाफा कमाते हैं.