जैसलमेर जिले के सीमावर्ती म्याजलार गांव के पास पिछले शनिवार को मिली एंटी पर्सनल लैंड माइन का 7 दिन बाद भी निपटारा नहीं हो पाया। झिनझिनयाली थानाधिकारी सुरजाराम ने बताया कि इस संबंध में सेना को जानकारी दी हुई है। उनका दस्ता अभी तक पहुंचा नहीं है। फिलहाल लैंड माइन पुलिस की सुरक्षा में है और वहां किसी को भी आने-जाने नहीं दिया जा रहा है।
दरअसल, भारत-पाकिस्तान सीमा के 20 किमी अंदर म्याजलार क्षेत्र में पिछले हफ्ते शनिवार को एक एंटी पर्सनल लैंडमाइन मिलने से दहशत फैल गई थी। म्याजलार से करीब 10 किमी दूर माइन को वहां से गुजर रहे एक चरवाहे ने देखा तो ग्रामीणों को मौके पर बुलाया। सूचना मिलने पर झिनझिनयाली थाना पुलिस और सीमा सुरक्षा बल की टीम ने एंटी पर्सनल लैंडमाइन की पड़ताल की।
नहीं पहुंचा सेना का बम निरोधक दस्ता
सुरजाराम ने बताया कि जिला प्रशासन के जरिए लैंडमाइन की जानकारी भारतीय सेना के नियंत्रण कक्ष को दी गई। अब सेना का बम निरोधक दस्ता लैंडमाइन को डिफ्यूज करेगा। अभी तक बम निरोधक दस्ता मौके पर नहीं पहुंचा है। ऐसे में पुलिस की ओर से माइन के चारों ओर मिट्टी के कट्टे लगाकर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि युद्धाभ्यास के दौरान यह माइन जमीन में दब गई होगी,
जो अब बाहर दिखाई दे रही है। आकार में छोटे एंटी पर्सनल माइंस का उपयोग घुसपैठियों व पैदल सेना के खिलाफ सुरक्षा के लिहाज से किया जाता है। इन पर पांव का वजन पड़ते ही यह फट जाते हैं। साल भर पहले इसी इलाके के केरला गांव के आसपास भी एक जिंदा लैंडमाइन मिली थी, जिसे सेना ने बाद में डिफ्यूज किया था।