एक तरफ हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने नगर निगम कमिश्नर के 3 मंजिल तोड़ने के फैसले को गलत बताया. वहीं दूसरी ओर ऊपरी अदालत में चुनौती देने की तैयारी हो रही है.
हिमाचल प्रदेश की संजौली मस्जिद विवाद में अब नया मोड़ आ गया है. दो मुस्लिम गुटों में मस्जिद तोड़ने को लेकर विवाद साफ दिख रहा है. एक तरफ हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने नगर निगम कमिश्नर के 3 मंजिल तोड़ने के फैसले को गलत बताया. वहीं दूसरी ओर ऊपरी अदालत में चुनौती देने की तैयारी हो रही है. संजौली मस्जिद कमेटी ने कहा कि हम कमिश्नर के फैसले पर कायम हैं, अवैध मस्जिद तोडेंगे.
अवैध मंजिलें गिराए जाने को चुनौती देने की तैयारी
शिमला राजधानी की संजौली मस्जिद की तीन अवैध मंजिलें गिराए जाने के नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश को अब चुनौती देने की तैयारी है. ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन ने कहा कि इन आदेशों को ऊपरी अदालत में चुनौती दी जाएगी. बालूगंज मस्जिद में संस्था के नेताओं ने इस संबंध में बैठक की. वहीं, मस्जिद कमेटी ने आयुक्त कोर्ट के आदेश को चुनौती देने से एक बार फिर इंकार कर दिया.
दबाव में इस मामले को उछाला गया
संस्था के प्रदेश प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने कहा कि विभिन्न संगठनों के दबाव में इस मामले को उछाला गया है. दबाव में आकर ही संजौली मस्जिद की कमेटी ने नगर निगम के पास खुद अवैध निर्माण गिराने का आवेदन किया था. इसी आवेदन को आधार बनाते हुए आयुक्त ने फैसला सुना दिया. हाशमी ने दावा किया कि यह फैसला तथ्यों से परे है. मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है. 125 साल के राजस्व रिकॉर्ड में भी यह मौजूद है. यहां नमाज पढ़ने वाले लोगों की संख्या बढ़ने के बाद इसकी मंजिलें बढ़ाने के लिए कमेटी ने वक्फ बोर्ड से एनओसी ली थी. अब दो पक्षों की लड़ाई को इस मामले से जोड़ दिया, जो गलत है.
मस्जिद के अवैध नहीं होने का दावा
उन्होंने दावा किया कि यह मस्जिद अवैध नहीं है. इसके नक्शे के लिए आवेदन किया था. कई साल तक नगर निगम ने इसे लंबित रखा. हाशमी ने दावा किया कि जिन लोगों ने कमेटी की ओर से अवैध निर्माण गिराने का आवेदन किया, वह इसके लिए अधिकृत नहीं है. नगर निगम ने भी इस मामले में पार्टी किसे बनाना है, कौन इसका मालिक है. यह जाने बिना फैसला सुना दिया. उन्होंने कहा कि अब इस फैसले की कॉपी का इंतजार है. इसके बाद आर्गेनाइजेशन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेगी.
अवैध मंजिलें गिराने का काम जल्द शुरू
ऑल हिमाचल मुस्लिम आर्गेनाइजेशन के दावों को खारिज करते हुए संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि कमेटी अपने फैसले पर कायम है. नगर निगम आयुक्त कोर्ट से जो फैसला आया है, वह मान्य है. जल्द अवैध मंजिलें गिराने का काम शुरू होगा. नगर निगम के पास खुद अवैध निर्माण तोड़ने के लिए आवेदन किया था. इसके लिए कमेटी अधिकृत है. वक्फ बोर्ड को भी इसकी जानकारी दी गई थी, अब फैसले की जानकारी भी वक्फ बोर्ड को है.
आर्गेनाइजेशन ने कोई बैठक की है, इसकी जानकारी कमेटी को नहीं है और न ही इस बैठक से हमारा कोई लेना-देना है. इस मामले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता शोएब जमई भी पिछले महीने शिमला पहुंचे. जमई ने संजौली मस्जिद का दौरा करने के बाद दावा किया था कि इस मामले को उच्च अदालत में उठाया जाएगा. हालांकि उस समय भी संजौली मस्जिद कमेटी ने जमई के बयानों से किनारा किया था अब फिर इस मामले को तूल दिया जा रहा है.